डीआरडीओ ने कोरोना वायरस मारने के लिये विकसित किया रेडिएशन टॉवर

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Covid-19 Latest News & Update: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने भारी संक्रमण वाले क्षेत्रों के त्वरित और रसायन मुक्त कीटाणुशोधन के लिए एक अल्ट्रा वॉयलेट (यूवी) डिसइंफेक्सन टॉवर विकसित किया है जो कि कोरोना वायरस केखिलाफ भी प्रभावी है।

यूवी ब्लास्टर नाम का यह उपकरण एक अल्ट्रा वॉयलेट आधारित क्षेत्र सैनिटाइजर है, जिसे डीआरडीओ की दिल्ली स्थित लैब लेजर साइंस एंड टेक्नोलॉजी सेंटर (एलएएसटीईसी) ने न्यू एज इंस्ट्रुमेंट्स एंड मैटेरियल्स प्राइवेट लिमिटेड, गुरुग्राम की सहायता से डिजाइन कर विकसित किया गया है।

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डीआरडीओ इलैक्ट्रानिक उपकरण भीड में भी है प्रभावी

डीआरडीओ का यूवी ब्लास्टर लैब्स और कार्यालयों में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, कम्प्यूटर और अन्य गैजेट जैसे उच्च प्रौद्योगिकी वाली सतहों में उपयोगी है, जो रासायनिक विधियों से जर्म ट्रीटमेंट के लिए उपयुक्त नहीं हैं।

यह प्रोडक्ट हवाई अड्डों, शॉपिंग माल, मेट्रो, होटलों, कारखानों, कार्यालयों आदि ऐसे क्षेत्रों के लिए भी प्रभावी है, जहां लोगों की आवाजाही ज्यादा होती है।

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30 मिनट में जर्म फ्री होगा 400 वर्गफुट का कमरा

यूवी आधारित क्षेत्र सैनिटाइजर को वाईफाई लिंक का इस्तेमाल करते हुए लैपटॉप/मोबाइल के माध्यम से दूर से ही संचालित कर उपयोग किया जा सकता है।

इस उपकरण में 360 डिग्री प्रकाश के लिए 254 एनएम वेवलेंथ पर छह लैम्प होते हैं, जिसमें हरेक लैम्प की क्षमता 43 वाट यूवी-सी पावर है।

कमरे के भीतर विभिन्न स्थानों पर उपकरण लगाकर लगभग 12×12 फुट आकार के एक कमरे को लगभग 10 मिनट और 400 वर्ग फुट के कमरे को 30 मिनट में कीटाणुमुक्त किया जा सकता है।

अचानक कमरा खुलने या फिर किसी के अंदर आते ही सैनिटाइजर स्वत: बंद हो जाता है।

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